अकथनीय है हस्ती उनकी, जो पथ प्रदर्शक भारत बना गए! गूंजे इन्ही गलियारों मे गान उनके, अकथनीय है हस्ती उनकी, जो पथ प्रदर्शक भारत बना गए! गूंजे इन्ही गलियारों मे ...
बता औकात कि तू क्या-क्या था, नामर्द भेड़िया या खूंखार दरिंदा था बता औकात कि तू क्या-क्या था, नामर्द भेड़िया या खूंखार दरिंदा था
लम्हे जो सम्हाल के रखे थे जीने के लिये , लम्हे जो सम्हाल के रखे थे जीने के लिये ,
हमें भी लोग चाहते हैं यह सोचकर कुछ लोग जलते हैं ! हमें भी लोग चाहते हैं यह सोचकर कुछ लोग जलते हैं !
आज़ादी एक जज़्बा नहीं जज़्बात है। आज़ादी एक जज़्बा नहीं जज़्बात है।